पटना। प्रदेश में होने वाले आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly elections) से पहले नितीश सरकार सरकारी और गैरसरकारी कर्मचारियों को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। चुनाव को मद्देनज़र रखते हुए नितीश सरकार ने देर शाम तक चली मीटिंग में कैबिनेट ने कई अहम् फैसलों पर मुहर लगाई है। देर शाम ख़त्म हुयी कैबिनेट की मीटिंग में कुल 64 अजेंडे पर मुहर लगी। इस दौरान कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी को देखते हुए स्कूल बसों में सीटों से ज़्यादा बच्चों को बैठाने पर मनाही है। इस सम्बन्ध में बिहार मोटर गाड़ी नियमावली में भी संशोधन किया गया। साथ ही बिहार सरकार के कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी की गयी है।
Bihar assembly elections
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए नितीश सरकार कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहती है। विगत दिनों से नाराज चल रहे कर्मचारियों को रिझाने के लिए नितीश कुमार ने वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी का फैसला लिया है। माना जा रहा है बिहार सरकार ने यह फैसला कर्मचारियों को चुनाव में लुभाने के लिए लिया है। कैबिनेट में लिए गए अहम् फैसलों में मिनी आगनवाड़ी सेविका का भत्ता 900 से बढ़कर 11,30 कर दिया गया है। आगनवाड़ी सेविका का भत्ता 1150 से बढ़ाकर 1450 कर दिया गया है। रसोइया का भत्ता 500 से बढ़ा कर 650 किया गया है। साथ ही किसान सलाहकार का भत्ता बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया है।
इसके अलावा कारगिल चौक, गांधी मैदान से NIT अशोक राजपथ में एलिवेटेड रोड बनाये जाने का भी रास्ता साफ़ हो गया है। इसके लिए बिहार सरकार ने 422 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है। कोरोना संक्रमण से बच्चन को बचाने के लिए बिहार मोटर गाड़ी नियमावली में भी संशोधन किया गया है। नए नियम के मुताबिक़ बस में सीट से ज़्यादा बच्चों को नहीं बैठाया जा सकता है। साथ ही बस में सीट की कितनी संख्या है, इस बारे में भी बस के बाहर एक बोर्ड लगाना होगा। क्षमता से ज़्यादा बच्चे बैठे पाए जाने पर बस और ड्राइवर का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।